आँवला के आयुर्वेदिक फायदे: शुक्रमेह, अत्यार्तव, नेत्र रोग, प्रमेह व सुजाक में चमत्कारी उपचार

आँवला (Indian Gooseberry) आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि माना गया है, जो शुक्रमेह से लेकर नेत्र-विकारों तक अनेक समस्याओं में लाभकारी है। शुक्रमेह एवं वीर्य-दोष की स्थिति में आँवले के रस में शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करना अत्यंत कारगर माना गया है। यह न केवल वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाता है बल्कि शरीर में नई शक्ति और ओज का संचार भी करता है। स्त्रियों में अत्यार्तव (अत्यधिक मासिक रक्तस्राव) की समस्या हो तो आँवला कल्क, शहद, मिश्री और जीरे के मिश्रण का सेवन सुबह-शाम करने से लाभ मिलता है। पेडू का दर्द या योनि-शूल में आँवला पीसकर लेप करने से तत्काल राहत मिलती है।

शुक्रमेह और वीर्य-विकार में आँवले के आयुर्वेदिक फायदे
प्राचीन आयुर्वेद में आँवला कई रोगों का प्राकृतिक उपचार माना गया है।

सुजाक (गोनोरिया) जैसी जटिल समस्याओं में भी आँवले का विशेष उपयोग बताया गया है—आँवला छाल का रस, किशमिश का पानी, शहद तथा ताज़े आँवलों के सेवन से यह रोग धीरे-धीरे शांत होने लगता है। स्वप्न-दोष, शीघ्र-पतन और धातु-स्त्राव जैसे पुरुष-विकारों में आँवले का रस, इलायची बीज, इसबगोल तथा शहद से बने मिश्रण तथा रस-भावित आँवला चूर्ण का प्रयोग अत्यंत प्रभावी माना गया है।

प्रमेह (Diabetes-type disorders) में आँवले का रस मट्ठा या शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है और शरीर के दूषित द्रव्यों की शुद्धि होती है। योनि-जलन जैसी समस्याओं में आँवले के ताज़े रस में मधु मिलाकर देने से तुरंत आराम मिलता है।

नेत्र-विकारों में आँवला एक अद्वितीय प्राकृतिक औषधि है। तिमिर, दृष्टि-क्षीणता, आंखों की लाली, जलन, रोहे, फूली और शुरुआती मोतियाबिंद तक में आँवला जल, त्रिफला जल और सूखे आँवले से धोने की विधियाँ अत्यंत लाभकारी बताई गई हैं। रातभर भीगे आँवले के पानी से आंखें धोने से दृष्टि तेज होती है और नेत्र-ज्योति लंबे समय तक बनी रहती है। पूर्ण पके आँवले को हल्का चीरकर उससे टपकने वाले रस को आँखों में लगाने से आंखों की शुद्धि बढ़ती है और अनेक विकार दूर होते हैं।

आँवला न केवल पुरुष-स्वास्थ्य, स्त्री-स्वास्थ्य और नेत्र-स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है, बल्कि मस्तिष्क, त्वचा, बाल, पाचन, प्रतिरक्षा और तंत्रिका-तंत्र के लिए भी अत्यंत लाभदायक है। इसके विटामिन-C, एंटीऑक्सिडेंट्स और पोषक तत्त्व मस्तिष्क की स्मरण-शक्ति बढ़ाने, तनाव कम करने, त्वचा-स्वास्थ्य सुधारने, बालों की जड़ों को पोषण देने और पूरे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

  • शुक्रमेह में आँवले का फायदा:-
    • आँवला शुक्रमेह (Spermatorrhea) के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। रोजाना एक तोला ताजा आँवले के रस में शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से शुक्रमेह में आराम मिलता है। यह नुस्खा शरीर को शीतलता देता है और पुरुषों की दुर्बलता को दूर करता है।
  • अत्यार्तव (Menorrhagia) में आँवले के फायदे:-
    • स्त्रियों में अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या होने पर 6 माशे आँवले का कल्क और 3 माशे शहद सुबह-शाम सेवन करने से राहत मिलती है।
    • यदि ताजा आँवला उपलब्ध न हो, तो सूखे आँवले का चूर्ण रात भर भिगोकर उसमें जीरा और मिश्री मिलाकर दिन में दो बार लेने से भी अत्यार्तव में लाभ मिलता है।
    • इसके अलावा आँवला और पका केला समान मात्रा में लेकर उसका रस तैयार करके दिन में 3–4 बार पिलाना भी अत्यार्तव में अत्यंत उपयोगी है।
  • स्त्रियों के पेडू दर्द में आँवला:-
    • स्त्रियों के पेडू दर्द, योनि शूल और सूजन में आँवले को पीसकर पेडू पर लेप करने से राहत मिलती है। इसकी शीतलता दर्द और जलन को शांत करती है।
  • सुजाक (Gonorrhea) में आँवला उपाय:-
    • सुजाक में आँवला एक प्राकृतिक औषधि के रूप में कार्य करता है।
    • आँवला पेड़ की छाल के रस में हल्दी और शहद मिलाकर सेवन करने से सुजाक में लाभ मिलता है।
    • केवल ताजा आँवला खाने से भी आराम मिलता है।
    • सूखे आँवलों को रातभर पानी में भिगोकर उसमें शहद मिलाकर पीने से सुजाक जल्दी ठीक होता है।
    • किशमिश को रातभर भिगोकर उसमें आँवला रस और शहद मिलाकर रोज तीन बार पीना भी अत्यंत लाभकारी है।
  • वीर्य-विकार और विर्याकल्पता के लिए आँवला:-
    • आँवले का रस और मधु मिलाकर नित्य सेवन करने से वीर्य-विकार दूर होते हैं और वीर्य की गुणवत्ता तथा मात्रा दोनों में सुधार होता है। यह शरीर को पोषण देने वाली श्रेष्ठ औषधि मानी गई है।
  • स्वप्नदोष में आँवला (Nightfall Remedy):-
    • स्वप्नदोष के लिए आँवला अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।
    • आँवले के रस में इलायची बीज चूर्ण और इसबगोल मिलाकर बनी गोलियाँ सुबह-शाम दूध के साथ लेने से स्वप्नदोष में लाभ होता है।
    • चरक संहिता वर्णित नुस्खा—100 बार रस-भावित आँवले के चूर्ण में बराबर मिश्री मिलाकर 1 तोला मात्रा सुबह-शाम लेने से स्वप्नदोष, शीघ्रपतन और धातु विकार दूर होते हैं।
    • सूखे आँवले का चूर्ण रोज दूध के साथ लेने से शरीर में शक्ति, ओज और वीर्य की वृद्धि होती है।
  • प्रमेह (Diabetes/Urinary Disorders) में आँवला:-
    • ताजे आँवलों के रस में महंदी पत्तों का रस मिलाकर पिलाने से प्रमेह में लाभ मिलता है।
    • शहद और आँवला रस समान मात्रा में पीने से भी प्रमेह में आराम मिलता है।
    • रोज सुबह ताजा आँवला रस मट्ठे या शहद के साथ लेने से हर प्रकार का प्रमेह राहत देने लगता है।
  • योनि में जलन में आँवला:-
    • ताजे आँवले के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से योनि की जलन, सूजन और असहजता तुरंत शांत होती है।

नेत्र रोगों में आँवला के चमत्कारी लाभ

  • नेत्रों में जलन:-
    • सूखे आँवले और तिल को भिगोकर पीसकर आँखों में लगाने से जलन दूर होती है और आँखों की रोशनी बढ़ती है।
  • तिमिर एवं दृष्टि-क्षीणता (Poor Vision):-
    • आँवले का पानी आँखों की ज्योति बढ़ाने के लिए एक श्रेष्ठ आयुर्वेदिक उपाय है।
    • रातभर 6 माशे सूखा आँवला पानी में भिगोकर सुबह उसी पानी से आँखें धोने से दृष्टि तेज होती है।
    • त्रिफला चूर्ण (आँवला + हरड़ + बहेड़ा) घी के साथ रोज सुबह सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है, साथ ही शरीर में कांति और शक्ति आती है।
  • आंखों की लाली और रोहे:-
    • आँवला बीज, हरड़ की गिरी और बहेड़ा मींगी को मिलाकर बनाए गए अंजन को आँखों में लगाने से लालिमा और रोहे दूर होते हैं।
  • मोतियाबिंद में आँवला:-
    • ताजा आँवला रस आधा–एक औंस शहद के साथ रोज चाटने से और आँखों को त्रिफला जल से धोने से मोतियाबिंद के लक्षणों में सुधार आता है।
  • आंख की फूली (Stye) में आँवला:-
    • जौकुट आँवला पानी में भिगोकर उसका छलका हुआ जल रोज 4 बार आँखों में डालने से फूली (Stye) में लाभ मिलता है।
  • अन्य नेत्र विकार:-
    • त्रिफला जल से रोज सुबह आँखें धोना और घी/शहद के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से अधिकांश नेत्र रोगों में राहत मिलती है।

Frequently Asked Questions (FAQ) — आँवला के उपयोग

Q1. शुक्रमेह में आँवला कैसे फायदेमंद है?

आँवले के रस में शहद मिलाकर रोज पीने से वीर्य की कमी, धातु-दुर्बलता और शुक्रमेह में सुधार होता है। यह नुस्खा शरीर को पोषण देता और वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाता है।

Q2. अत्यार्तव (Menorrhagia) में आँवला कैसे मदद करता है?

आँवला कल्क और शहद का सेवन अत्यधिक रक्तस्राव को नियंत्रित करता है तथा शरीर को शक्ति प्रदान करता है। सूखे आँवले का चूर्ण या आँवला-जीरा-मिश्री का नुस्खा भी उपयोगी माना जाता है।

Q3. सुजाक में आँवला क्या लाभ देता है?

आँवला रस, इसकी छाल तथा शहद-हल्दी मिश्रण सुजाक में सूजन और जलन को कम करते हैं। ताजा आँवला या भिगोकर लिया गया सूखा आँवला भी लाभदायक है।

Q4. प्रमेह (Diabetes / Urinary Issues) में आँवला कितना असरदार है?

ताजा आँवला रस को शहद या मट्ठे के साथ लेने से प्रमेह और मूत्र संबंधी विकारों में अच्छा परिणाम मिलता है। आँवला मूत्र मार्ग की जलन और बार-बार पेशाब आने जैसी समस्याओं को शांत करता है।

Q5. नेत्र रोगों में आँवला क्यों चमत्कारी माना जाता है?

त्रिफला जल और आँवला जल से आँखें धोने तथा ताजा आँवले के रस का आंशिक सेवन करने से तिमिर, आँखों की लालिमा, जलन, फूली और मोतियाबिंद जैसे लक्षणों में सुधार आता है। यह आंखों की ज्योति बढ़ाने वाले पारंपरिक उपायों में से है।

Q6. स्वप्नदोष में आँवला उपयोगी है?

हाँ। इलायची और इसबगोल के साथ आँवला रस का सेवन तथा भावित आँवला चूर्ण (चरक के नुस्खे अनुसार) स्वप्नदोष, शीघ्रपतन और अन्य वीर्य-विकारों में फायदेमंद माना गया है।

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