Amla Benefits in Hindi: अम्लता, मधुमेह, लीवर, मूत्र रोग व बालों के लिए अचूक घरेलू उपचार

आँवला आयुर्वेद में एक अत्यंत महत्वपूर्ण फल माना गया है, जिसके रस, चूर्ण और तेल का उपयोग कई तरह के घरेलू उपचारों में किया जाता है। वायु-गोला (Acidity) में आँवले के काढ़े में खाँड मिलाकर सेवन करने से आराम माना गया है, वहीं मधुमेह (Diabetes) के लिए ताजे आँवलों के रस में मधु मिलाकर पीना उपयोगी माना जाता है। पेट तथा आँतों के छाले होने पर भी आँवले के रस और शहद का मिश्रण लाभकारी बताया गया है।

आँवला के फायदे – Amla Benefits for Acidity, Diabetes, Liver, Hair Fall and Immunity in Hindi
आँवला (Amla) एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक फल है जो Acidity, Diabetes, Liver Problems, Hair Fall और Urinary Disorders में अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

यकृत विकारों में ताजा आँवला रस या सूखे आँवले का चूर्ण सेवन करना पारंपरिक रूप से यकृत (Liver) की कार्यक्षमता सुधारने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। कमजोर आमाशय (Weak Stomach) के लिए भोजन के बाद आँवले का चूर्ण पानी के साथ लेना अच्छा माना गया है, और यही उपाय कमजोर यकृत (Weak Liver) में भी लाभकारी माना गया है।

मूत्र संबंधी कई रोगों में भी आँवला उपयोगी बताया गया है। आँवलों के पत्तों का रस, मिश्री और दारु-हल्दी का मिश्रण बहुमूत्र (Polyuria) में काम आता है। वहीं ताजा या सूखा आँवला रातभर पानी में भिगोकर उसका रस पीने से सामान्य मूत्र विकारों में आराम मिलता है। किशमिश, आँवला रस और शहद का मिश्रण दिन में तीन बार लेने से मूत्राशय संबंधी समस्याओं में लाभ बताया गया है। पेशाब में जलन या कठिनाई हो तो गन्ने के रस, आँवला रस और शहद का मिश्रण उपयोगी माना गया है। सूखे आँवले का चूर्ण मूली के साथ लेने से पथरी (Stone) में लाभ बताया गया है।

सिर के रोगों में भी आँवला एक पारंपरिक उपाय है। सिर दर्द में आँवले का चूर्ण घी और शक्कर के साथ लेना और ऊपर से गाय का दूध पीना राहत दे सकता है। शुद्ध आँवला तेल से सिर की मालिश करने से भी सिरदर्द कम माना जाता है। लंबे समय से चल रहे सिर दर्द में आँवला रस और तिल के तेल को पकाकर बना विशेष तेल बहुत उपयोगी बताया गया है, जो बाल झड़ने को भी रोकता है। कमजोर मस्तिष्क के लिए आँवला मुरब्बा एक अच्छा पोषक माना गया है।

बालों से संबंधित समस्याओं में भी आँवला अत्यंत प्रभावी माना जाता है — चाहे बात जूँ की हो, सफेद बालों की हो, गंजापन हो या बाल झड़ने की। नींबू के रस के साथ आँवला बीज का लेप लगाने से जूँ खत्म होती हैं। आँवला रस, घी और मुलहटी मिलाकर बनाया तेल सफेद बालों को काला करने में उपयोगी माना गया है। आँवले का पानी और नींबू का रस बालों में लगाने से बाल मजबूत, लंबे और घने बनते हैं। आँवला और आम की गुठली का लेप लगाने से भी बालों का घनत्व बढ़ता है।

जननेन्द्रिय संबंधी समस्याओं में भी आँवले का उपयोग प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है। श्वेत प्रदर (Leucorrhoea) में आँवला बीज का मिश्रण शहद के साथ पीना लाभकारी बताया गया है। आँवले का रस या चूर्ण शहद के साथ लेने से भी सभी प्रकार के प्रदर रोगों में सुधार माना गया है। सोम-रोग में आँवला रस, केला और शहद का मिश्रण पारंपरिक रूप से उपयोग किया जाता रहा है।

वायु-गोला: (Acidity)
  • आँवले के काढ़े में खांड मिलाकर सेवन करने से कुछ ही दिनों में वायु गोला की बीमारी समाप्त हो जाती है
मधुमेह: (Diabetes)

  • ताजे आँवलों के रस में मधु मिलाकर सेवन करने से मधुमेह ठीक हो जाता है।

पेट और आँतों के छाले: (Stomach and Intestinal Ulcers)

  • ताजे आँवलों के रस को मधु के साथ कुछ दिनों तक सेवन करने से पेट और आँतों के छाले ठीक हो जाते है।

यकृत विकार: (Liver Disorders)

  • ताजे आँवलों का रस एक से डेढ़ औंस या ५० ग्राम सूखे आँवलों का चूर्ण सेवन करने से यकृत के सारे दोष कुछ ही दिनों में दूर हो जाते है।

निर्बल आमाशय: (Weak Stomach)

  • प्रति दिन भोजन करने के बाद तीन माशा आँवले का चूर्ण पानी के साथ लेने से कमजोर आमाशय शक्तिशाली बनता है।

निर्बल यकृत: (Weak Liver)

  • हर भोजन के बाद ३ माशा आँवले का चूर्ण खाने से कमजोर यकृत बलशाली बन जाता है।

बहुमूत्र: (Polyuria)

  • आँवलों के पत्तों का रस एक पात्र में दारू-हल्दी घिसकर और मिश्री मिलाकर पीने से बहुमूत्र रोग ठीक हो जाता है।

मूत्र-यंत्र के रोग: (Diseases of the urinary tract)

  • विभिन्न मूत्र रोग:
    • आधी छ्टांग ताजा या सुखा आँवला रात को १ पाव पानी में भिगो दें | सुबह को उसका रस छानकर कुछ ही दिनों में मूत्र संबधी सभी रोग दूर हो जाते है।
    • थोड़ी सी किशमिश लेकर रात को पानी में भिगो दें, सुबह को उसका रस छानकर और उसमें थोड़ा सा ताजे आँवलों का रस और शहद मिलाकर रोज दिन में तीन बार एक-एक गिलास पीने से सारे मूत्राशय के रोग दूर हो जाते है।
  • पेशाब होने में कष्ट 
    • गन्ने के रस में आँवले का रस और शहद मिलाकर पीने से  या हरे आँवलों के २ तोला रस में जरा सा इलायची का चूर्ण भुरभुरा कर पीने से पेशाब में होने वाली कठिनाई में आराम मिलता है।
  • मूत्राशय की पथरी :-
    • सूखे आँवले का चूर्ण मुली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी में लाभ होता है।
  • रक्तमूत्र :-
    • आंवलें के रस में शहद व गन्ने का रस मिलाकर पीने से पेशाब का कठिनाई से आना और खून आना बंद हो जाता है।
  • मूत्र का रुकना :-
    • हरे आंवलों को पीसकर पेडू पर लेप करने से रुला पेशाब अवश्य खुलता है।

सिर के रोग :-

  • सिर दर्द :-
    • आँवलों का चूर्ण घी और शक्कर के साथ प्रात:काल खाने से और ऊपर से गाय का धारोष्ण दूध पीने से कई प्रकार के सिर दर्दों में लाभ मिलता है।
    • सिर पर शुद्ध आँवले का तेल मालिश करने से भी सिर पीड़ा में लाभ मिलता है।
  • पुराना सिर दर्द :-
    • ४ सेर आँवले के रस में १ सेर तिल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर पकावें, जब केवल तेल रह जाए और पानी सूख जाये तब उसे उतार लें और छानकर बोतल में रख लें। एस तेल को प्रतिदिन सिर में लगाने से पुराने से पुराना सिर दर्द भी अच्छा हो जाता है। इस तेल की मालिश से सिर के बालों का झाड़ना भी बंद हो जाता है।
  • निर्बल मस्तिष्क:-
    • मस्तिष्क शाक्ति बढाने के लिए आँवले का सेवन अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। आँवले का मुरब्बा सेवन करने से निर्बल मस्तिष्क सशक्त हो जाता है।
  • सिर के समस्त रोग :- 
    • सिर में किसी प्रकार का दर्द आदि होने पर नाक के नथुनों में शुद्ध आँवले के तेल की कुछ बूंद टपकाने से बड़ा लाभ होता है।
  • सिर में जूं पढ़ना :-
    • आँवले के बीजों को महीन पीसकर और उसमें कागजी नींबू का रस मिलाकर रोज नियमित रूप से बालों पर मलने से सिर में पड़े जूं नष्ट हो जाते है।
  • सिर के घाव :-
    • आंवालों को पीसकर और उसमें देशी चीनी और घी मिलाकर सेवन करने से सिर के घाव अच्छे हो जाते है।
  • आधासीसी का दर्द :-
    • ताजे आंवलों को केसर, नील कमल या गुलाब जल के साथ अच्छी तरह से पीस कर सिर पर लेप करने से आधासीसी का दर्द मिट जाता है।

सिर के बालों के रोग

  • गंजा सिर :-
    • कुछ दिनों तक ताजे आँवले के रस से सिर को धोने से और ताजा आँवला खाने से गंजे सिर पर बाल फिर से उग आते है।
  • सफ़ेद बाल :-
    • १ सेर आंवलों का रस, १ सेर घी, १ पाव मुलहटी लेकर सब को हल्की आँच पार पकाये, जब सब कुछ जल जाये और केवल तेल बच रहे तो उस तेल को सफ़ेद बालों पर खिज़ाब की तरह लगावें, कुछ ही दिनों में सफ़ेद बाल काले हो जायेंगे।
    • आँवलों को थोड़ी नीम तथा महेंदी के पत्तों के साथ दूध में पीसकर सफ़ेद बालों पर लेप करें और लगभग एक घंटा तक उस लेप को चढ़ाये रखें, बाद में गरम पानी से धो डालें | सप्ताह में दो बार करें, तो कुछ ही सप्ताहों में सफ़ेद बाल काले हो जाएंगे।
  • बालों का झड़ना :-
    • आँवलों के थोड़े चूर्ण को लेकर पानी में भिगो दें। २४ घंटे बाद उसको मसलकर उसके पानी को निथार लें, जिसमें एक-दो कागजी नींबू का रस निचोड़ कर उसे मिश्रण से बालों को मल-मलकर धोयें। कुछ ही दिनों में बालों की जड़ें मजबूत, बाल लम्बे, मुलायम और सघन हो जायेंगे।
    • आँवलों और आम की गुठली को एक साथ पीसकर बालों पर लेप करने से औरतों के बाल सघन और लम्बे उगते है।

जनन्नेद्रिय सम्बन्धी रोग

  • श्वेत प्रदर :-
    • आँवलों के बीज ३ से ६ माशे तक जल से साथ ठंडाई की तरह पीस-छानकर और उसमें अंदाज से शहद और शहद मिलाकर सुबह-शाम पीने से श्वेत प्रदर में केवल तीन दिनों में लाभ मालूम होने लगता है, या निर्मूल हो जाता है।
  • हर प्रकार का प्रदर :-
    • आंवलें का रस या चूर्ण ५० ग्राम, शहद के साथ पानी के योग से सेवन करने से कुछ ही दिनों में सब किस्म का प्रदर ठीक हो जाता है।
  • सोम-रस :-
    • आंवलें का रस २ तोला, पका केला ५ तोला और शहद २ तोला, एक साथ मिलाकर सेवन करने से सोम-रोग अच्छा हो जाता है।
    • आंवलें के ६ माशा बीज को कूटकर पानी से भली-भांति पीस डालें और उसमें शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटे तो सोम-रोग और श्वेत प्रदर दोनों ठीक हों।

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