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लहसुन और उसके चिकित्सय उपयोग भाग - 3

लहसुन और उसके चिकित्सय उपयोग भाग - 3

लहसुन और उसके चिकित्सय उपयोग भाग - 3 (Garlic and its Medicinal Uses Part-3)

घ्राण शक्ति नाश - इस रोग में रोगी को नाक द्वारा किसी प्रकार की गन्ध का अनुभव नहीं होता है, जिसके निवारणार्थ रोगी को लहसुन की पत्तियों या कलियों के रस का नाश नथुनों द्वारा लेना चाहिए।

सिर के बाल झड़ना - यदि सिर के बाल झड़ते हो तो रोज बालों की जड़ों में लहसुन के तेल की मालिश करें, बाल झड़ने बंद हो जायेंगे।

सिर में जूं पढ़ना - लहसुन का स्वरस और नींबू का रस, दोनों को बराबर लेकर एक में मिला लें और इस मिश्रण से रोज सिर को मलें। दो चार दिन में ही सिर के सारे जूं नष्ट हो जायेंगे, साथ ही सिर की साडी गंदगी भी साफ़ हो जाएगी। सिर की गंदगी के कारण ही जूं की उत्पत्ति होती है।

अधकपाली (माइग्रेन) - इसका दर्द आधी खोपड़ी में होता है और बैचेन क्र देता है। इस दर्द को दूर करने के लिए लहसुन की कलियों को पीसकर कनपटी पर लेप करें लाभ होगा। किन्तु इस लेप को कांपती पर थोड़ी देर तक ही रखना चाहिए और उसके बाद हटा देना चाहिए नहीं तो कनपटी पर फफोले पद जायेंगे।

बाँहों का दर्द - लहसुन, घी और सौंठ तथा शुद्ध शहद बराबर-बराबर मात्रा में लेकर पहले सौंठ को चूर्ण करके उसे घी में भुने, फिर लहसुन को पीसकर उसमें मिलावें। सबके अंत में शहद मिलाकर शीशे के बर्तन में रखें और आधे से एक तोला की मात्रा से इसे रोज सेवन करें तो बाँहों की पीड़ा में आराम मिलेगा।

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लकवा - लहसुन के तेल की मालिश लकवा के रोगी के आक्रान्त अंगों पर करने से धीरे-धीरे लकवा आराम हो जाता है।

बेहोशी - बेहोश आदमी के नथुनों में लहसुन के रस की - बुँदे टपकाने अथवा उसका नास देने से बेहोशी दूर हो जाती है।

थकान - कितनी भी थकान हो लहसुन की एक छोटी गाँठ को धीरे-धीरे चबाकर निगल जाइये थकान काफूर हो जायेगी।

गृद्दसी - लहसुन को छीलकर सुखा लें। उसके बाद उसे गुने दूध और जल में डालकार पकाएं। जब जल सूख जाये और केवल दूध बचा रहे तब उसे छानकर गृद्दसी के रोगी को पिलावें। ऐसा कुछ दिनों तक रोज करने से पुराणी सेर पुराणी गृद्दसी में भी लाभ होता है।

जोड़ो का दर्द - लहसुन की - गांठें छीलकर रात को पानी में भिगो दें। सुबह घोटकर और छान कर पानी पि लें। एक सप्ताह तक ऐसे करने के बाद लहसुन की गांठो की संख्या बढ़ाकर कर दें। तीसरे सप्ताह तीन गांठें और बढ़ा कर संख्या १० कर दें। तीन सप्ताह तक यह प्रयोग कर चुकने के बाद एक सप्ताह तक प्रयोग बंद रखें। तत्पश्चाद यही प्रयोग क्रम पुन: चालू कर दें। आरंभ से ही जब तक यह प्रयोग चालू रहे रोज मक्खन का सेवन अवश्य करें। यह नुस्खा जोड़ों के दर्द के लिए रामबाण है।

मांसपेशियों का दर्द - लहसुन के स्वरस में पिसा हुआ सेंधा नमक मिलाकर मालिश करने से मांसपेशियों का दर्द दूर होता है।

स्नायु शूल - लहसुन की कलियों को छीलकर और पीसकर उसकी पुल्टिस बनायें और शूल के स्थान पार थोड़ा इधर उधर बढाकर बांध दें। ऐसा करने से दो-तीन दिनों में स्नायु-शूल मिट जायेगा।

शोथ - दूध में छिली हुई लहसुन की कलियों और दूध के वजन के बराबर पानी डालकर पकावें। पकते-पकते जब केवल दूध बच रह तो उसे शोथ के रोगी को पिलावें, लाभ होगा।

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