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लहसुन और उसके चिकित्सय उपयोग भाग - 2

लहसुन और उसके चिकित्सय उपयोग भाग - 2

लहसुन और उसके चिकित्सय उपयोग भाग - 2 (Garlic and its Medicinal Uses Part-2)

सांप के काटने पर - सांप के काटने पर तुरंत लहसुन की कलियों को छीलकर और सिल पर पीसकर काटे स्थान पर छोपकर बांध दें, साथ ही रोगी को दो तोला के लगभग लहसुन का रस भी जल मिलाकर पिलायें, जहर उतर जायेगा।

बिच्छु के काटने पर - बिच्छु के काटने पर उसका जहर बहुत चढ़ता है। अत: जब बिच्छु काटे तो लहसुन की छिली कलियों को पीसकर जहाँ तक जहर चढ़ गया है वहां छोपकर बांध दें, बिच्छु का जहर उतर जायेगा।

दमा - दमा जैसे कष्टदायक रोग भी लहसुन के प्रयोग से ठीक हो जाते है। इसके लिए रोज बार - बी=बूंद लहसुन का स्वरस गर्म पानी में मिलाकर पीना चाहिए और दो बूंद ही उसका रस रोज नाक के नथुनों में भी डालना चाहिए।

कुकुरखांसी - छोटे बच्चों की कुकरखांसी की आरंभिक अवस्था में २० से ३० बूंद तक लहसुन का ताजा रस शर्बत अनार में मिलाकर - घंटे पर देने से वह शीघ्र अच्छी होती हो जाती है।

मूत्र - जब मूत्र के त्यागने में कठिनाई हो या मूत्र बिलकुल ही रुक जाये तो गुदा लिंक-मूल के बिच सीवन पर तीसी के आटे के साथ लहसुन की कुछ कलियाँ पीसकर बांधने से मूत्र-त्याग की तकलीफ मिट जाती है।

पेशाब द्वारा चीनी जाना - लहसुन की - कच्ची कलियों को त्रिफला के साथ प्रतिदिन खाने से पेशाब द्वारा चीनी जाने में लाभ होता है

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अपस्मार - लहसुन की कुछ कलियों को दूध में पकाकर नित्यप्रति सेवन करने से कुछ ही दिनों में इस रोग से निजात मिल जाती है। जब इस रोग में रोगी को बेहोशी के दौरे आयें तो उस वक्त लहसुन को कुचलकर उसे रोगी को सूंघने से तथा उसके रस की कुछ बूंदें रोगी की नाक में टपकाने से बेहोशी तुरंत दूर हो जाती है।

गठिया वात - दो छटांग लहसुन की कलियों के साथ एक-एक छटांग हरड़, सौंठ तथा दो-दो छटांग दालचीनी और छोटी इलायची एक सेर दूध में पकावें और गठिया वात के रोगी को नियमपूर्वक खिलावें तो रोग में आराम मिलेगा। असली घी में - लहसुन की कलियों को भुनकर खाना भी गठिया वात में उपकारी होता है। गठिया रोग में शरीर के जोड़ों में सुजन भी जाती है। उस सूजे हुए जोड़ों पर तीसी के आटे के साथ लहसुन की कलियों को पीसकर उसकी पुल्टिस बांधनी चाहिए।

कृमि रोग - कृमि रोग में अक्सर लोगों के खासकर बच्चों की आतों में कृमि उत्पन्न हो जाते है और मल के साथ निकलते रहते है। उन कीड़ों से मुक्ति पाने के लिए लहसुन की कुछ कलियों को छीलकर पीस लीजिये और उसे पानी में पतला घोल कर उस पानी से रोगी को एनिमा दीजिये, आतें कीड़ों से मुक्त हो जायेगी।

इंफ्लुएंजा - लहसुन के रस को अदरक के पानी में मिलाकर देने से, साथ ही हल्दी और लहसुन को पीसकर उसकी गरम-गरम पुल्टिस छाती पर बांधने से इस रोग में बड़ा लाभ होता है।

घाव - किसी प्रकार का घाव हो उसे सर्वप्रथम लहसुन के रस मिले पानी से धोकर और साफ़ करके पीसी हुई लहसुन की पट्टी बांधने से वह शीघ्र अच्छा हो जाता है।

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